अमावस्या की रात बच्चा और...रात का सन्नाटा था। चारों ओर घना अंधेरा पसरा हुआ था, और हवाओं में एक अजीब-सी ठंडक थी। उस रात, गांव के बाहर के जंगल के पास रहने वाला हर कोई घरों में दुबक कर बैठा था, क्योंकि वह रात अमावस्या की थी और उस दिन गांव में कुछ अशुभ होने की संभावना अधिक मानी जाती थी।लेकिन रघु, जो गांव के बाहरी छोर पर अकेले रहता था, इन बातों पर यकीन नहीं करता था। उसने निश्चय किया कि वह इस अंधविश्वास को तोड़ेगा। वह अपने छोटे से घर में बैठा था और तभी उसने खिड़की के