हिंदी का गौरव अभिमान श्री पी आर बसुदेवन दक्षिण के धर्मवीर

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(क)-व्यक्ति से व्यक्तित्व कि यात्रा-काल समय वक्त जो ब्रह्मांड कि परम सत्ता का अभिभाज्य अवयव है द्वारा अपने निरंतर प्रवाह में अपने दोनों महत्वपूर्ण अंगों प्रकृति कि विशेष घटनाओं एव प्राणि के विशिष्ट कर्म अनुष्ठान का स्वंय साक्ष्य बनकर अपने ही ब्रह्मांड के भविष्य के लिए प्रेरक प्रेरणा के स्वरूप में प्रस्तुत करता है। वास्तव में ईश्वरीय सत्ता सिद्धांतों का सत्यार्थ ही होता है इसी सत्य के प्रतीक प्रतिबिंब का जन्म अतीत के मद्रास वर्तमान के चेन्नई में छः अप्रैल उन्नीस सौ अट्ठावन को हुआ माता पिता कि आका