अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 45

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जतिन के कहने पर मैत्री आराम करने के लिये लेट तो गयी लेकिन प्यार की चाशनी मे डूबी जतिन की बातो का रस मैत्री को एक अलग ही खुशी दे रहा था, उसकी आंखो से नींद और शरीर से थकान पूरी तरह जा चुकी थी... सोने के लिये आंखे बंद करते ही उसे वो दिन याद आने लगा जब रवि से शादी से पहले उसके लिये लड़के देखे जा रहे थे.... चूंकि मैत्री स्वभाव से सीधी और अपने मम्मी पापा की हर बात मानने वाली उनकी प्यारी, संस्कारी और सुलझी हुयी लड़की थी इसलिये वो उनके किसी भी फैसले का