अध्याय 1: अतीत की परछाईंरात के गहरे सन्नाटे में, जब पूरा गाँव नींद की आगोश में था, सूरजगढ़ के पुराने हवेली में एक हलचल थी। हवेली की खिड़कियों से छनकर आती हल्की पीली रोशनी अजीब सा सन्नाटा बिखेर रही थी। हवेली के बारे में कहा जाता था कि वहां वर्षों पहले एक ऐसी प्रेम कहानी घटी थी, जो आज तक अधूरी रह गई थी। हवेली के हर कोने में उस अतीत की एक गूंज थी, जो आज भी समय-समय पर महसूस होती थी।उस रात, अनाया हवेली के पास से गुज़र रही थी। उसका दिल हमेशा की तरह बेचैन था। वह