रावी की लहरें - भाग 14

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अंतिम परिणति   भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के इमरजेंसी वार्ड के सामने युवा उद्योगपति मधुरेश अपनी पत्नी रेखा के साथ बेचैनी से टहल रहे हैं। उनके चार वर्षीय पुत्र राहुल का ऑपरेशन होना है। राहुल उनकी एक मात्र सन्तान है । इसलिए दोनों के हृदय धड़क रहे हैं। पैसे के मद में हर समय ऐठे रहने वाले मधुरेश आज अस्पताल के वार्ड ब्याय से भी 'भाई साहब' कहकर बात कर रहे हैं।  ऑपरेशन की तैयारी हो चुकी है। मधुरेश डॉक्टर साहब से गिडगिड़ा कर बोले, "डाक्टर साब, मेरे बच्चे को बचा लो, चाहे जितना रुपया खर्च हो जाए ।'  "हर परेशानी