रावी की लहरें - भाग 1

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सुरेश बाबू मिश्रा  (कहानी संग्रह)   ‘जीवन संघर्ष और उत्कट जिजीविषा से जुडी हैं संग्रह की कहानियां’ मानव जीवन और उसके कार्य व्यवहार सदा ही अनंत कौतुक - कौतूहलों व जिज्ञासाओं का केंद्र रहे हैं । साहित्य किसी भी कालखंड के क्रिया कलापों व गतिविधियों को जानने समझने का सर्वाधिक महत्वपूर्ण जरिया माना जाता है । साहित्य के द्वारा हम अपने पास-पड़ौस, परिवेशीय जीव जगत के अलावा दुनिया के कोने कोने में फैले जीव जगत व उसके कार्य व्यवहार के बारे में जानते और अनुभव करते हैं। यह अनुभव पाठक के तौर पर न केवल हमें समृद्ध करते हैं बल्कि