जय और श्रेया जय के रूम की बाल्कनी में बैठके बाते कर रहे थे। जय ने धीरे से श्रेया से पूछा, "आकाश को लेके क्या खयाल है तेरा?""जो भी कहो, स्टाइल अच्छा है उसका।" उसकी बात सुनते ही जय गुरके उसे देखने लगा। अपनी तरफ जय को इस तरह से गुरता देख श्रेया ने बात बदलते हुए कहा, "पहले जैसा हसी मजाक करने वाल नही रहा। बहुत बदल चुका है, शायद।""में वापिस आ रहा था तब मुझे मिलने मेरे केबिन आया था। अपनी दोस्त के हालात के बारे में पूछ रहा था।""वो तो पूछेगा ही ना। उसके लिए तो है