सदफ़िया मंज़िल - भाग 4 (अंतिम भाग)

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भाग -4 “इसी बीच एक दिन, एक दल्ला, एक ग्राहक रणजीत बख्स सिंह को लेकर इनके पास आया। यह आज भी उसका नाम भूली नहीं हैं। ज़हूरन के जाने के बाद से ही इन्होंने किसी ग्राहक के साथ सोना बंद कर दिया था। कोठे की मालकिन होने के नाते भी किसी ग्राहक के साथ सोती नहीं थीं। जबकि किसी भी कोठे की सबसे कम उम्र की मालकिन थीं।  “शबाब में कोठे की सारी लड़कियाँ इनके सामने कहीं ठहरती ही नहीं थीं। रणजीत बख्स बजाय किसी और लड़की के इन्हीं पर फ़िदा हो गया। सेना का अधिकारी था। विश्व-युद्ध में न