नुसरत - भाग 4 (अंतिम भाग)

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भाग 4 “वास्तव में यह बात खुली ऐसे कि, एक बार ऐसी ही एक पार्टी में झगड़ा हो गया। सब के सब नशे में तो थे ही। उनकी गाली-गलौज, हुड़दंग से पड़ोसी जाग भी सकते हैं, उन सब ने ऐसा सोचा ही नहीं।  “मंडली की हरकतों से परेशान पड़ोसियों ने उस दिन पहले इन सबको मारा, फिर पुलिस बुलाने जा रहे थे। लेकिन इन सब के बहुत हाथ-पैर जोड़ने पर पुलिस तो नहीं बुलाई, लेकिन स्वयं जितना टाइट कर सकते थे, उतना कर दिया। उन्हीं पड़ोसियों में से एक का दोस्त विरोधी मंडली में है। वहीं से सारी बातें आगे