हीर... - 15

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अंकिता सुबकते हुये रियो रेस्टोरेंट से चली गयी और अजीत उसके दर्द को सीधे अपने दिल पर महसूस करते हुये... उसे वहां से बस जाते देखता रह गया लेकिन उसे समझ में ही नहीं आया कि इतने बड़े धोखे को याद करके और उसकी टूटन को महसूस करके रोती हुयी रेस्टोरेंट से गयी अंकिता से क्या कहकर वो उसे ये भरोसा दिलाये कि "राजीव की धमकियों के डर के बीच.. अब तुम अकेली नहीं हो अंकिता, मैं तुम्हारे साथ हूं!!" अंकिता के वहां से जाने के करीब पांच मिनट बाद अजीत भी अपनी नम आंखें और भारी दिल लेकर वहां से