तीन दिन बाद सुप्रिया को होश आ गया और वो खून की प्यास के कारण तड़पने लगी। उसने एक नर्स को पकड़ा और उसके गले में काटने ही वाली थी की विक्रांत वहां आ गया और उसने सुप्रिया को पकड़ लिया। सुप्रिया उसके हाथों से छूटने के लिए छटपटा रही थी। उसे खून चाहिए था। विक्रांत के पास सुप्रिया को वहां से ले जाने के अलावा और कोई रास्ता नही था। विक्रांत ने सुप्रिया को अपने कंधे पर उठाया और हवा की तेजी से हॉस्पिटल से बाहर निकल गया। कुछ ही देर मे वो सुप्रिया को लेकर अपने घर पहुंच गया।