सौतेली माँ से माँ बनने का सफर...... भाग - 6

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एक महीने बाद एक महीना बीत चुका था त्रिवेणी और शिवराज जी के विवाह को इन महीना में त्रिवेणी ने अखंड के साथ-साथ उस घर को भी बहुत अच्छे संभाल लिया था। जिसे देखते हुए बुआ जी भी अब अपने घर जा चुकी थी। अब त्रिवेणी और शिवराज जी के रिश्ते में भी अब बहुत ज्यादा बदलाव आ चुका था, उन्होंने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया था और अब एक आम पति-पत्नी की तरह प्रेम और सम्मान से रहने लगे हैं। हालांकि शिवराज जी के हृदय में अभी रचना जी की यादें थी जो अब हमेशा ऐसे ही रहने