लव एंड ट्रेजडी - 14

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सुबह हो गयी थी। त्रिपाठी भवन में चहल पहल हो रही थी। रुपाली और रजनी रसोई में थे सफऱ के लिए परांठे बना कर दे रहे थे।सब लोग भागम भाग पर थे ट्रैन का समय हो रहा था | माँ जल्दी करो ट्रैन निकल जाएगी हम पहले ही बहुत लेट हो चुके है, हम नही चाहते की हमारी ट्रैन मिस हो जाए अंधेरा होने से पहले हमें वहा पहुंचना है ताकि कल से ही काम शुरू करदे। हंशित ने कहा"बेटा बस पांच मिनट और रुक जाओ, अभी लाकर देती हूँ" रुपाली जी ने कहासब लोग बाहर बरामदे में अपना समान