37 फिल्म नन्हें बेचैन मन से नंदन का ही इंतज़ार कर रहा है। वह बार बार दरवाजे के पास जाकर देखता कि नंदन अभी तक आया क्यों नहीं। उसे इस तरह देखकर किशोर ने उससे पूछा, “क्या बात बात है?” मगर उसने उसकी बात को टाल दिया। उसने उसे फ़ोन भी किया मगर नंदन का फ़ोन बंद आ रहा है, उसने उसके घर जाने की भी सोची, मगर फिर रुक गया। “मुझे नहीं लगता इस गधे से कुछ होगा।“ उसने चिढ़ते हुए मन ही मन कहा। सोनाली ने घड़ी देखी तो दस बजे हैं, अब उसने जीन्स के