अब तक :शिवाक्ष को बिना नमक की खिचड़ी खिलाने के बाद अंजली को मन ही मन में बोहोत बुरा लग रहा था । उसके बारे में सोचते सोचते ही वो नींद के आगोश में चली गई । |अब आगे :शाम का वक्त :चारों तरफ पक्षियों के चहचहाने से शांति को चीरता हुआ एक मधुर शोर सुनाई दे रहा था । इसी शोर को सुनते हुए शिवाक्ष सड़क किनारे अपनी गाड़ी के बोनट के उपर लेटा हुआ था और आसमान को देखे जा रहा था । वो अभी तक घर नहीं गया था ।तभी एक गाड़ी जोरों से वहां आकर हॉर्न