सन्यासी -- भाग - 26

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फिर नलिनी जयन्त से बोली...."लेकिन मुझे ये बात समझ नहीं आई कि ये अपने पति के खिलाफ जाकर तुम्हें  सावधान करने क्यों आईं हैं, मुझे इन पर बिलकुल भी भरोसा नहीं है,क्या पता ये यहाँ अपने पति के कहने पर आईं हो"?तब सुमेर सिंह की पत्नी वरदा नलिनी से बोली..."नहीं! जीजी! मैं उनके कहने पर यहाँ नहीं आई हूँ,बहुत साल हो गए है मेरे पति को बेईमानी करते हुए, दूसरों का हक़ छीनते हुए,दूसरों की बेटियों को पराएँ पुरूषों के पास भेजते हुए,सालों से ये सब देखते देखते मैं उकता गई हूँ,पहले मैं उनसे डरा करती थी कि अगर मैं