सन्यासी -- भाग - 24

  • 1.7k
  • 720

जयन्त अपना चेकअप कराकर क्लीनिक से वापस घर लौट आया और उसने सभी को बताया कि मैं अब बिलकुल ठीक हूँ और डाक्टर साहब ने ये भी कहा है कि मैं अब काँलेज भी जा सकता हूँ और वो दो चार दिन बाद मेरा चेकअप करने खुद यहाँ आऐगें,मुझे उनकी क्लीनिक पर जाने की जरूरत नहीं है....      और फिर दूसरे दिन जयन्त को चैन ना पड़ा और वो अपनी साइकिल पर नहीं मोटर में बैठकर काँलेज की ओर निकल गया,काँलेज पहुँचा और जब वीरेन्द्र ने उसे देखा तो खुशी के मारे उसे गले लगाकर बोला...."यार! कहाँ चला गया था तू!