सुनहरी तितलियों का वाटरलू - भाग 5 (अंतिम भाग)

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भाग-5 जितनी देर वह तेल लगाती रही उतनी देर उसके आँसू निकलते रहे। वह सोचती रही कि, क्या यह अपनी इस विचित्र स्थिति के कारण कई दिन से सो नहीं रही थी, और जैसे ही मन की बात हुई, सैटिस्फ़ैक्शन मिला, वैसे ही गहरी नींद में चली गई।  उसने देखा कि तेल लगाने के बाद उसका रह-रह कर कराहना बंद हो गया है। शायद तेल से उसे काफ़ी आराम मिल गया था। वह उठ कर फिर ड्राइंग-रूम में आ गई है यह सोचती हुई कि, यह पूरी नींद सो कर उठे तो इससे पूछूँगी कि, आख़िर तुम ऐसा क्या फ़ील