तमस ज्योति - 20

  • 945
  • 306

प्रकरण - २०फातिमा की सच्चाई जानने के बाद मुझे उससे हमदर्दी हो गई थी। मैं अब उसके ख्याल में बहुत ही डूबा रहने लगा था। मैं उसके हर दर्द को अब अपना महसूस करने लगा था। मैं अब तक खुद नहीं समझ पा रहा था कि फातिमा के प्रति मेरे मन में ये कैसी भावना आ रही है! लेकिन इतना तो तय था कि उसके दर्द से मैं भी दु:खी हो रहा था और जब वो खुश होती थी तो मैं भी खुश होता था।उसका नाम और उसकी आवाज मेरे मन में गूंजता रहता था। उसका नाम सुनते ही मेरे