प्रकरण - १४रईश आज घर आनेवाला था इसलिए हम सब उसका बड़ी बेसबरी से इंतज़ार कर रहे थे। रात का खाना खा लेने के बाद हम अभी घर के आंगन में बैठकर बातें कर रहे थे।दर्शिनी बात कर रही थी, "रोशनभाई! रईशभाई आज कितने दिनों बाद घर आएंगे नहीं? जब से वे यहां से गए हैं, तब से ये घर बहुत ही सूना सूना सा लगता है। उनके बिना मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है।"दर्शिनी की ये बात सुनते ही मैं भी बोल उठा, "हाँ! तुम ठीक कह रही हो दर्शिनी! घर में केवल एक व्यक्ति की अनुपस्थिति होने