तमस ज्योति - 13

  • 1.4k
  • 450

प्रकरण - १३मेरा नया सफर अब शुरू हो गया था। फातिमा की संस्थाने मुझे घर से स्कूल तक लाने-ले जाने की जिम्मेदारी खुद ही ली थी।यह मेरी पहली नौकरी थी इसलिए मैं बहुत खुश था। मैं सुबह जल्दी उठ गया और माँ की मदद से जल्दी से तैयार हो गया। सुबह का चाय नाश्ता खत्म करके अब मैं विद्यालय जाने के लिए तैयार होकर बैठा था।तभी मुझे रिक्शा के आने की आवाज सुनाई दी। आंखो के चले जाने की वजह से अब मेरे कान कुछ ज्यादा ही काम करने लग गए थे। धीरे-धीरे अब मैं अलग-अलग आवाजों को परखने लगा