सिद्धार्थ ने बड़े ध्यान से पत्नी माधवी को देखते और स्तब्ध रह गए पल भर के लिए स्वंय सोच में पड़ गए की आखिर माधवी को हुआ क्या है? बहुत हिम्मत करते हुए उन्होंने माधवी को पुकारा माधवी माधवी क्या हुआ तुम्हे ?माधवी जैसे ममत्व के गहरे समंदर में डूबी जैसे जन्मों कि ममता सोए बच्चे पर न्योछावर कर रही हो ऐसा लग रहा था जैसे माँ सीता बनवास से लौटे राम को निहार रही हो कारागार कि असह वेदना के निवारण के विश्वास में माता देवकी कृष्णा को निहारती हो और कृष्णा से व्यथा कि निवारण याचना कर रही