अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 39

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अपनी दोनो भाभियो नेहा और सुरभि के साथ मैत्री हाथो मे वरमाला लिये धीरे धीरे स्टेज की तरफ बढ़ रही थी... मैत्री को उस खानदानी साड़ी मे सजा संवरा देखकर ज्योति से रहा नही गया और वो धीरे धीरे चलकर मैत्री के पास जाने लगी... वैसे तो मैत्री बहुत घबरायी सी, शर्मायी सी नीचे की तरफ ही देख रही थी लेकिन बीच बीच मे वो नजरे ऊपर करके आसपास देख लेती थी.. ऐसे ही जब उसने अपनी शर्मायी हुयी नजरो को एक बार ऊपर उठाया तो उसने देखा कि उसकी ननद ज्योति बहुत ही खुश होकर हंसते हुये उसकी तरफ