सावन का फोड़ - 5

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करोटि कोशिकीपुर गांव से चला तो गया लेकिन उसका अपना समाज था जो अपराधियों कि फौज थी करोटि कि खेती बारी एव जो भी उसके पास था गांव में ही गांव वालों ने जबरन छीन कर पंचायत के हवाले कर दिया था करोटि के पास खुद कि रोटी के लाले पड़े थे था भी वह मूल रूप से अपराधी प्रवृत्ति का साथ उसके उसका समाज भी खड़ा था अब क्या था करोटि ने अपराध कि दुनियां में दहशत बनकर रोज नए नए तौर तरीकों से अपराध को अंजाम देता कभी डकैती डालता कभी सीधे जबरन धन वसूलता न देने वालो