अपने हिस्से का दुःख!

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                          रेड लाइट पर गाड़ियाँ खड़ी हुई थीं कि शमिता की नज़र बगल वाली गाड़ी पर चली और फिर दोनों की नज़रें एक साथ टकराईं। एक गाड़ी में कुछ बड़े बच्चे को लेकर महिला मकान था और दूसरी गाड़ी में एक बच्चे को पुरुष के लिए रखा गया था।           तभी ग्रीनलाइट हुई और दोनों ने अपनी-अपनी गाड़ी आगे बढ़ा दी। 2 घंटे बाद शमिता के पास एक फोन आया - "क्या हम आज शाम के साथ कॉफी पी सकते हैं?""क्यों अभी भी कुछ शेष है?" शमिता