नक़ल या अक्ल - 32

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32 सात फेरे   जब बुआ जी को निहाल ने दोबारा आवाज लगाई तो एक बड़ी मरमरी सी आवाज़ उन लोगों  तक पहुँची, “मैं यहाँ हूँ”, निहाल फिर चिल्लाया, “बुआ जी!!” वह अब  खुद को संभालती  हुई बाथरूम से निकली और बोली,  “यह दस्त बहुत परेशान कर रहें हैं, तुम लोग जाओ, अभी मुझसे नहीं जाया जायेगा, मैं  बाद में  आती हूँ,  बहनजी कोई दवाई लाकर दे दें?” “थोड़ा  ज़ीरा  और नमक दे दो” I सरला जल्दी से रसोई  में  गई  और  उनके लिए जीरा और नमक ले आई फिर पानी का गिलास उन्होंने सुराही से निकाला और उसे देते