प्रकरण - ८मेरा भाई रईश आज यहां राजकोट आनेवाला था। उसे पन्द्रह दिनों की पढाई की छुट्टियाँ मिली थीं, इसलिए वो पढ़ने के लिए घर आनेवाला था और फिर पन्द्रह दिनों के बाद उसकी एम.एस.सी की फाइनल परीक्षा शुरू होने वाली थी।मेरे साथ अब तक जो कुछ भी हुआ था उसको लेकर मेरे माता-पिता पहले से ही बहुत चिंतित थे और ऐसे में रईश का घर आना उनकी चिंताओं को और भी बढ़ावा दे रहा था।उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि, वे रईश को ये बात कैसे बताऐंगे कि मेरी आंखों की रोशनी अब नहीं रही! मेरी आंखों की