53=== उस दिन पूरी रात रेशमा करवटें बदलती रही, जाने उसकी बहन कब आएगी? वह अपनी बहन के पास रहना चाहती थी, उससे बात करके अपने मन को हल्का करना चाहती थी| कॉलेज में पढ़ने वाली रेशमा इतनी छोटी भी नहीं थी कि कुछ समझ न पाती लेकिन वह जानती थी कि उसे बड़ों के बीच में बोलने का या निर्णय लेने का अधिकार नहीं है | मम्मी-पापा के जाते ही जैसे पूरा परिवेश बदल गया था| जहाँ रेशमा की शरारतों से मम्मी हर समय उसे समझाने की कोशिश करतीं लेकिन वह अपनी मनमानी करने में मस्त रहती, वहीं अब