अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 36

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अगले दिन सुबह राजेश और नेहा दोनो रात की बनायी प्लानिंग के हिसाब से अपने ताऊ जी जगदीश प्रसाद के घर पंहुच गये, उनके घर मे अंदर जाने के बाद अपने ताऊ जी और ताई जी के पैर छूकर राजेश ने मैत्री को आवाज लगाते हुये कहा- मैतू...और आवाज लगाते हुये किचेन की तरफ जाने लगा... राजेश किचेन के दरवाजे तक पंहुचा ही था कि उसकी आवाज सुनकर मैत्री ने उसे आवाज लगायी- जी भइया...किचेन के अंदर जाते ही राजेश ने बड़े प्यार से मैत्री से कहा- अरे वाह बड़ी अच्छी खुशबू आ रही है... राजेश की बात सुनकर खुश