*प्रात:मुरली ओम् शान्ति "बापदादा"' मधुबन**“मीठे बच्चे - बाप आये हैं कांटों को फूल बनाने, सबसे बड़ा कांटा है देह-अभिमान, इससे ही सब विकार आते हैं, इसलिए देही-अभिमानी बनो''**प्रश्नः- भक्तों ने बाप के किस कर्त्तव्य को न समझने के कारण सर्वव्यापी कह दिया है?**उत्तर:-* बाप बहुरूपी है, जहाँ आवश्यकता होती सेकण्ड में किसी भी बच्चे में प्रवेश कर सामने वाली आत्मा का कल्याण कर देते हैं। भक्तों को साक्षात्कार करा देते हैं। वह सर्वव्यापी नहीं लेकिन बहुत तीखा राकेट है। बाप को आने-जाने में देरी नहीं लगती। इस बात को न समझने के कारण भक्त लोग सर्वव्यापी कह देते हैं।