1. स्वयं का ज्ञान: अपने सच्चे स्वरूप को पहचानें और आत्मज्ञान प्राप्त करें। 2. कर्तव्य का पालन: अपने कर्तव्यों का पालन बिना फल की चिंता किए करें। 3. समता: सुख-दुःख, लाभ-हानि में समता का भाव रखें। 4. संकल्प शक्ति: अपनी इच्छाओं और संकल्प को मजबूत बनाएं। 5. सच्ची भक्ति: भगवान के प्रति अटूट भक्ति और विश्वास रखें। 6. योग का महत्व: योग के माध्यम से मन को नियंत्रित करें। 7. स्वधर्म पालन: अपने धर्म का पालन करें और अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें। 8. अहंकार त्याग: अहंकार को त्यागें और विनम्र बनें। 9. मोह से मुक्ति: मोह से मुक्त होकर