सन्यासी -- भाग - 15

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जब जयन्त चक्कर खाकर धरती पर गिर पड़ा तो वीरेन्द्र भागकर उसके पास आया,उसे सम्भालने के लिए,साथ में उसने एक और लड़के की भी मदद ली,फिर दोनों जयन्त को सहारा देकर काँलेज तक ले गए और उसे एक पेड़ की छाँव में बैठाकर पानी पिलाया,तब वीरेन्द्र ने जयन्त से पूछा..."तू! ठीक तो है ना!""हाँ! मैं ठीक हूँ",जयन्त ने जवाब दिया..."लेकिन तू ऐसे अचानक चक्कर खाकर कैंसे गिर पड़ा मेरे भाई!",वीरेन्द्र ने जयन्त से पूछा...."वो मैंने परसों रात से खाना नहीं खाया,इसलिए शायद चक्कर आ गया होगा",जयन्त ने वीरेन्द्र से कहा..."तूने परसों रात से खाना नहीं खाया.....मगर क्यों?",वीरेन्द्र ने जयन्त से