भारत की रचना - 10

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भारत की रचना / धारावाहिक दसवां भाग'?'- रचना ने पुन: आश्चर्य से देखा, तो वह आगे बोली,'तुम बहुत ही अच्छी लड़की हो. कितने वर्षों से मैं तुम्हारे साथ हूँ और कभी भी कोई शिकायत मुझे आज तक नहीं मिली है. साथ में पढ़ने में भी तुम सदैव अच्छी ही रही हो.''ये तो सब आपकी दुआओं का फल है और परमेश्वर की कृपा और अनुग्रह बना रहा है कि मैं ऐसा कर सकी.'रचना ने उसकी बात को सुनकर कहा तो लिल्लिम्मा जॉर्ज ने बात आगे बढ़ाई. वे बोलीं,'किसी का भी रहा हो लेकिन, सबसे बड़ी बात तुम्हारी मेहनत, लगन और सदैव ही