11 आगामी छुट्टियों में राम आसरी ने मुन्ना को रोज-गार्डन, रॉक-गार्डन व कुछ अन्य दर्शनीय स्थानों की सैर करवाई। इस प्रकार मुन्ना अब चण्डीगढ़ से काफी परिचित हो चुका था और उसे इस शहर से बहुत अधिक लगाव भी हो गया था। धीरे-धीरे समय गुजरता गया, इक्कतीस मार्च आया और साथ में वार्षिक परीक्षाओं के परिणाम लाया। मुन्ना अब पाँचवी कक्षा उत्तीर्ण करके छठी कक्षा में हो गया था। पढ़ने-लिखने और बोलने में तो वह चुस्त था ही, उसकी चाल-ढाल व पहनावा भी उस पर खूब फबता था। उसे देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता था कि वह