अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 34

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जतिन के इतना संजीदा गाना गाने पर कमरे में जैसे सन्नाटा सा छा गया था, जिस तकलीफ और जिन आंसुओं को मैत्री ने अपनी आंखों में बड़ी मुश्किल से कैद किया था वो लाख कोशिशें करने के बाद भी उसकी काजल लगी आंखों से बरबस ही बाहर आने लगे थे, बिल्कुल शांत हो चुके उस कमरे में मैत्री की सुबकियां मानो गूंज सी रही थीं....!! जतिन का गाना सुनने के बाद मैत्री की सुबकियों की दर्द भरी आवाज ने नेहा और सुरभि को भी बहुत भावुक कर दिया था, उन दोनों ने जैसे तैसे अपने आंसुओ को अपनी आंखों में