ब्रुन्धा-एक रुदाली--भाग(४)

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ठाकुर रुपरतन के सीढ़ियों से लुढ़क जाने के बाद विद्यावती और जगीरा को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो दोनों क्या करें,इसलिए उन दोनों ने जोर जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया कि ठाकुर साहब सीढ़ियों से लुढ़क गए हैं,ठाकुर रुपरतन अब भी बेहोश थे,इसलिए उनका इलाज करने के लिए शहर से एक डाक्टर को बुलवाया गया,डाक्टर आएँ और उन्होंने ठाकुर साहब का चेकअप करना शुरू कर दिया,तब डाक्टर साहब ने सबसे कहा कि शायद उनके सिर पर चोट लगने से उनकी याददाश्त चली गई है,उन्हें कुछ भी याद नहीं है,उन्हें शहर के अस्पताल में भरती करवाना पड़ेगा,ठाकुर