स्वयंवधू - 10

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दूसरे दिन सुबह-(पता नहीं मैं ऐसे कैसे सो गया? मुझे वृषा को वृषाली के पहले जगाना होगा। पता नहीं रात भर में क्या नये कांड हुए होंगे?)मैं उनके कमरे में ध्यान से घुसा। वे दोंनो अब भी सोए हुए थे। मैं वृषा के पास ध्यान से गया और उसे बड़े शांति और ध्यान से उठाकर, "श्श्श! शांत रहो। अपने बगल देखो और मेरे साथ चलो।", उसे अपने साथ वृषाली के कमरे में ले गया।"हाह! क्या हुआ कल?", वृषा ने फिर पकड़कर पूछा,"पहले तुम बताओ कि कल क्या हुआ था?", सबसे पहले मुझे अपने दिमाग को सुलझाना होगा ताकि मैं अच्छे