ब्रुन्धा-एक रुदाली--भाग(२)

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किशना को मौन देखकर गोदावरी फफक फफककर रो पड़ी और रोते हुए किशना से बोली.... "अभी भी वक्त है,दबा दो इस बच्ची का गला,मर जाऐगी तो किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा", "पागल हो गई है क्या,फूल सी बच्ची को मारने की बात करती है,ये मेरा खून नहीं है तो क्या हुआ लेकिन ये मेरी बेटी है,मैं इसे पालूँगा",किशना ने गोदावरी से कहा.... तब किशना गोदावरी से बोला.... "कल को तेरे मन में ये बात तो नहीं आऐगी कि ये ठाकुर का खून है",गोदावरी ने रोते हुए पूछा... "कभी नहीं गोदावरी! मैं ये बात कभी भी अपने मन में