ब्रुन्धा-एक रुदाली--भाग(१)

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इन्सान सरलता से झूठी हंँसी हँस तो सकता है, लेकिन बिना बात के बड़े बड़े आंँसुओं के साथ उसके लिए रोना लगभग कठिन सा हो जाता है,अगर आपसे कोई कहे कि अब रोने लगो, तो शायद आपके लिए ऐसा कर पाना सम्भव नहीं होगा,लेकिन दुनिया में ऐसे भी लोग हैं, जिनका पेशा ही रोना होता है और इन लोगों को रुदाली कहा जाता है, ये बिना किसी वजह के रो सकते हैं,अनजान लोगों की मृत्यु पर इन्हें ऐसा रुदन करना होता है कि देखने वालों की आंँखों में भी आंँसू आ जाये,ऐसा करने के लिए इन्हें पैसे दिए जाते हैं,