नक़ल या अक्ल - 28

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28 वजह   तभी उन्होंने किशोर को आवाज़ लगाई, किशोर!! वह भागता हुआ गया और बुआजी के पैर छूता हुआ बोला, “राम! राम! बुआ जी।“ “राम! राम! मेरे बच्चे।“ उसने उनको गले लगा लिया और इतनी ज़ोर से गले लगा लिया कि बुआ जी का बैलेंस खराब हुआ और वह नीचे गिरने को हुई, यह देखकर लक्ष्मण प्रसाद  उनकी और लपके तो वहीं किशोर भी उन्हें पकड़ने के लिए दौड़ा और तभी उसका बापू वहाँ पहुँच गया  और उनको संभाल लिया। “बहनजी ध्यान से।“ “अरे! लक्ष्मण तुमने बचा लिया, वरना मैं भी नन्हें की तरह पट्टी बाँधकर पड़ जाती। अब