50=== मनु अपने बारे में न सोचकर एक बेटी के पिता के बारे में सोच रहा था| एक ऐसी बेटी जिसके कारण वे कितने परेशान रहे थे, रहे थे| वे एक वात्सल्यपूर्ण पिता थे, एक उत्तम मित्र थे, एक ईमानदार व्यक्ति थे और सबसे बड़ी बात कि वे उसके माता-पिता के बाद उन बच्चों के सिर पर वटवृक्ष की शीतल छाया से बने रहे थे और आज भी बने हुए हैं| आशिमा का विवाह अकेले मनु कैसे कर पाता यदि दीना अंकल उन बच्चों के पीछे ढाल बनकर न खड़े रहते| उसके अपने चाचा ने तो यहाँ से जाने के