सरस्वती एक प्रतिभाशाली लड़की है। एक दिन उनके पाठशाला में रासने मैडम को सम्मानित किया जाना था। उस कार्यक्रम में रासने मैडम का भाषण सुन के सरस्वती ने भी मन में ठाना की हमें आगे जाकर शिक्षिका बनना है । इस सपने के साथ वह अभी दसवीं में आ गई थी। पर उसका जीवन बदलने वाला था। (गांव के बरगद के पेड़ के नीचे)गणपत -: ए सखा... किधर जा रहे हों?सखाराम (सरस्वती के पिता)-: खेती मैं पानी देने जा रहा हूं। (उनमें से एक आदमी उठकर सखाराम से बोला) १ आदमी -: सखाराम तुझे मालूम हैसखाराम-: क्या रे क्या हुआ?१