साथी - भाग 4

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भाग -4         ‘अरे तू ना एकदम बुद्धू है यार, सब इस दारू की गलती है. सुन ध्यान से औ थोड़ा समझने की कोशिश कर ना यार ...मैं ना उनकी वो वाली जरूरत को पूरा कर देता हूँ कहते हुए हँसने लगता है. ‘वो वाली जरूरत मतलब ? कौन सी जरूरत ? ‘अरे यार....! तू अब भी नहीं समझा ? नहीं...! अरे वो, वो वाली जरूरत जो तू मेरी पूरी करता है ना...! जब मुझे या तुझे जरूरत होती है।        ओह अच्छा....! वो वाली, पर उनके लिये तो उनका पति होगा ना उनके पास ? वो अब भी नशे