उजाले की ओर –संस्मरण

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-------------------------------------- क्या होगा दोस्तों मुँह फुलाकर? जीवन में प्रेम की अलौकिक छटा को महसूस करके जब चेहरे पर मुस्कान खिल जाती है तब पूरा जीवन ही प्रेममय हो जाता है। नन्हे मुन्नों में कुछ न कुछ तक़रार चलती रहती है तो क्या हम बड़े बहुत सहज रहते हैं? नहीं भाई, उनकी तकररतो चुटकी में मुस्कान में बदल जाती है पर हम बड़े तो अपने आप को दायरों में कैद कर लेते हैं। इतने पूर्वाग्रह पाल लेते हैं कि बस वृत्त में घिरते चले जाते हैं। जीवन का सबसे सुंदर रंग प्रेम है ये ऐसा रंग है जिसमें हर कोई रंगना