बड़ी माँ - भाग 7

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7 लाला दीवान चन्द और कौशल्या ने कुछ जरूरी सामान और कपड़े वगैरह साथ लिए और मकान को ताला लगाकर तथा पड़ोसियों  को निगरानी रखने के लिए कहकर, अम्बाला शहर के लिए चल पड़े। कौशल्या की मौसी जी का मकान वार्ड न0 एक मंजी साहब गुरुद्वारा वाली गली में था। पुरानी तर्ज पर बना यह एक अच्छा खासा बड़ा मकान था। गली के साथ डयोड़ी थी, उसके आगे खुला आँगन था और दोनों बगलों व पीछे की और बरामदे समेत पाँच-छः कमरे बने हुए थे। परिवार छोटा था, इसलिए इतनी जगह उनके रहने के लिए पर्याप्त थी। पहली मंजिल पर