इंद्रप्रस्थ - 1

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इंद्रप्रस्थ राजकुमार अर्जुन इस समय अपना धनुष हाथ में लिए सजग मुद्रा में खड़ा था। अर्जुन को सूचना मिली थी कि खांडवप्रस्थ के इस भयंकर वन में रक्षा नाग दैत्य और डाकू रहते हैं। आज अर्जुन शुभ मुहूर्त में इस वन की तरफ आया था। उसका विचार आज इस वन को नष्ट करके इन सभी दुष्ट आत्माओं का नाश करना था। अर्जुन ने वन के एक कोने पर आग लगा दी। गर्मी का महीना था। आग धीरे धीरे भयंकर रूप पकड़ गई और सारा जंगल जलने लगा। अर्जुन अब थोड़ी ऊंचाई पर खड़ा हो गया। उसे अब पूरा वन दिखाई