गुलकंद - पार्ट 10 (अंतिम भाग)

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गुलकंद पार्ट - 10 अंतिम भाग अनरसे वाकई बहुत अच्छे बने थे। भौंचक खड़ा वीरेश देख रहा था कि उत्साह से भरी अम्मा बड़े प्यार से तीनों के टिफिन में ठूंस-ठूंस कर भर रही थीं... गुलकंद भरे पान भी रखे... "अपने दोस्तों को भी खिलाना! शाम को बताना उन्हें कैसा लगा?" वीरेश अम्मा के अंदर अचानक आए इस बदलाव को आश्चर्य से देख रहा था, पर घर के माहौल में वाकई परिवर्तन था। ऐसी क्या बात की प्रांशु ने इनसे? कौन सी शल्य क्रिया को अंजाम दे दिया चुपचाप? और आज वह यह कुछ सचमुच अन्नी से संबंध सुधारने की