जतिन का रोका शुरू करने के लिये राजेश.. जतिन के सामने आकर बैठ गया था चूंकि राजेश और जतिन पहले से ही अच्छे दोस्त थे तो उनके बीच में वो जीजा साले वाला शुरुवाती संकोच नहीं था लेकिन उन दोनों के मन में दोस्ती से अलग इस नये रिश्ते के प्रति संजीदगी जरूर थी... रोके के लिये आमने सामने बैठने के बाद राजेश ने मजाकिया लहजे में जतिन से कहा- और जीजा जी... कहीं कोई कमी तो नहीं लग रही है सब ठीक है ना...? राजेश के मुंह से अपने लिये "जीजा जी" शब्द सुनकर जतिन हंसने लगा और उसी