अब आगे, करीब आधा घंटे बाद, रूही और वो दादा जी हाइवे वाली किराने की दुकान तक पहुंच जाते है और उस दुकान को खुला हुआ देख, रूही अपने आप से कहती है, " हे बाके बिहारी आप का बहुत बहुत आभार...!" रूही की बात सुन, दादा जी उस से कहते है, " क्या बेटा इतनी सी बात के लिए भी कोई भगवान को परेशान करता है भला...!" दादा जी की बात सुन, रूही बस मुस्करा देती हैं क्योंकि उस की सौतेली मां कुसुम उस के साथ जो व्यवहार करा करती हैं उस की वजह से उस का राशन के