अब आगे, रूही के पिता अमर जल्दी से तैयार होकर फोन पर बताई हुई जगह पर पहुंचने के लिए निकल जाते है और रूही की सौतेली मां कुसुम उन्हे शर्मा निवास के दरवाजे तक छोड़ने के लिए आती हैं। और रूही के पिता अमर के जाने के बाद, रूही की सौतेली मां कुसुम दनदनाते हुए रूही के कमरे में पहुंच जाती है और उस के बाल पकड़ते हुए उस से कहती हैं, " क्यू री करमजली बाप के आते ही पर निकल आए हैं तेरे जो हमारे लिए बनी मटर पनीर की सब्जी और परांठे चटकारे लेते हुए खा रही